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nirdhan kahe dhanwan sukhi bhajan lyrics in hindi | निर्धन कहे धनवान सुखी | कायारूपी भजन

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             निर्धन कहे धनवान सुखी | कायारूपी भजन                                                           fULL Video LINK                                                https://youtu.be/7l4Da9lDQ7Y दीन कहे धनवान सुखी धनवान कहे सुख राजा को भारी । राजा कहे महाराजा सुखी महाराजा कहे सुख इंद्र को भारी । इंद्र कहे चतुरानन को सुख ब्रह्मा कहे सुख विष्णु को भारी । तुलसीदास विचार कहे हरि भजन विना सब जीव दुखारी  Other VIDEO

चूड़ावत और शक्तावतो के शोर्य पर लिखी ऐसी कविता जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी । उँटाला का युद्ध

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  चूड़ावत और शक्तावतो के शोर्य पर लिखी ऐसी कविता जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी । उँटाला का युद्ध Youtube Video 👇👇👇👇👇 https://youtu.be/GjYdnj6BF3o Lyrics - Vinit chauhan दोहराता हूं सुनो रक्त से लिखी हुई कुर्बानी जिसके कारण मिट्टी भी चंदन है राजस्थानी जहां शीश लें निज करतल पर युद्ध किया करते हैं और मान के धनी प्राणधन वार दिया करते हैं राजस्थानी धरा शोर्य की कथा कहा करती है पानी कम है मगर रक्त की नदी बहा करती है जहां फूल सी कोमल नारी शोलो पर चलती है और वंश की बेल नुकीले भालो पर पलती है राणा पुत्र अमर सिंह भी मेवाड़ वंश गौरव थे चूड़ावत सक्तावत मानो शत्रु को रोरव थे किंतु हरावल दस्ते में केवल चूड़ावत लड़ते थे शक्तावत ये देख देख कर मन ही मन कुढ़ते थे यह विचार ही उन सबको बालू सिंह तक ले आया उद्वेलित बालू भी झटपट राणा तक ढाया बोले श्रीमन हम भी पौरुष तलवारे रखते हैं फिर क्यों अग्रिम दस्ते में ये चूड़ावत लड़ते हैं समरांगन के प्राणोंत्सव का ये क्रम रोका जाए एक बार यह मौका शक्तावत को सौप जाए चिंतित राणा ने इसमें देख भीषण अंदेशा चूड़ावत सरदार जैत सिंह को भेजा संदशा जैत सिंह ने राणा का प्रस...